Hello दोस्तों,आप सभी का Financial Success Guru Blog स्वागत है। इस लेख में हम Mutual Fund Kya Hai इस बारे मे विस्तार से जानेंगे। साथ ही म्यूच्यूअल फंड्स कितने प्रकार के होते है? तथा म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश के फायदे क्या है इस बारे मे जानकारी प्रदान करेंगे। तो आइये शुरू करते है Mutual Fund Kya Hai –
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Mutual Fund Kya Hai-म्यूचुअल फंड क्या है?
Mutual Fund एक प्रकार का सामूहिक निवेश होता है जिसमे बहुत सारे लोगों के पैसों से बना एक फंड होता है। इस फंड की देखरेख एक फंड मैनेजर के द्वारा की जाती है, इस पैसों को बॉन्ड, शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है। निवेशक को उसके पैसे के लिए यूनिट आवंटित कर दिए जाते हैं। इस यूनिट को NAV कहा जाता है। फंड के पैसों से ज्यादा लाभ कमाने के लिए एक जगह इन्वेस्ट ना करके थोड़ा-थोड़ा पैसा अलग-अलग जगह इन्वेस्ट करता है।
फंड मैनेजर फंड के निवेशकों को निर्धारित करता है और प्रॉफिट और लॉस का हिसाब रखता है इस प्रकार प्रॉफिट या लॉस को निवेशकों में बाट दिया जाता है।
म्यूच्यूअल फंड कंपनी भारत सरकार की संस्था Securities and Exchange Board of India (SEBI) के अंतर्गत रजिस्टर्ड होती है।
जो व्यक्ति स्टॉक मार्केट की ज्यादा जानकारी नहीं रखता और वह शेयर बाजार में invest करना चाहता है तो उसके लिए Mutual Fund बेहतर option है।
म्यूचुअल फंड का इतिहास
भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग 1963 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारत सरकार की पहल पर भारत पर यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) के गठन शुरू हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य यह था की छोटे निवेशकों को आकर्षित करना और उन्हें निवेश तथा शेयर बाजार से सम्बंधित विषयों से जानकरी देना। 1990 की शुरुआत में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और संस्थानों को Mutual Fund स्थापित करने की मंजूरी दी।
म्यूच्यूअल फंड के निवेशकों के हित की रक्षा के लिए SEBI अलग-अलग नीतिया बनाती है और म्यूचुअल फंड को नियंत्रित करती है। SEBI ने 1993 में Mutual Fund के लिए नियम अधिसूचित किया।
इसके बाद 1987 से दूसरा चरण शुरू होता है। इस समय में बहुत सारे बैंको को Mutual Funds बनाने का मौका मिला।
SBI ने पहला NONUTI म्यूच्यूअल फंड स्थापित किया। दूसरा चरण 1993 में खत्म हुआ इस चरण में निवेशकों के मध्य म्यूचुअल फंड में काफी उत्साह देखने को मिला।
तीसरा चरण 1993 से 2003 तक चला, इस चरण में private sector funds को मंजूरी मिल गई। इसी चरण में निवेशकों को म्यूच्यूअल फण्ड के ज्यादा ऑप्शन मिले।
चौथा चरण 2003 से शुरू हुआ जो अभी भी चल रहा है। 2003 में UTI को दो अलग भागो में बाट दिया गया SUUTI और UTI mutual fund जो की SEBI के नियमो के अनुसार काम करते थे। 2009 की आर्थिक मंदी से पूरी दुनिया पर पढ़ा।
तभ भारत में भी निवेशकों का काफी नुकसान हुआ। इससे लोगों का भरोसा म्यूच्यूअल फंड्स से थोडा सा कम हुआ। पर धीरे धीरे ही सही यह उद्योग वापस पटरी पर आने लगा, 2016 में AUM ₹15.63 trillion हो चूका था, जो की अब तक का सबसे ज्यादा था।
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म्यूचुअल फंड के प्रकार
म्यूच्यूअल फंड्स के प्रकार को हम 2 श्रेणियों में बांट सकते है।
संरचना के आधार पर Mutual Fund के प्रकार
asset के आधार पर Mutual फंड के प्रकार
संरचना के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार-
1) Open Ended Fund
Open Ended Mutual Fund में एक निवेशक किसी भी समय निवेश कर सकता है और पैसों को बाहर निकाल सकता है इसकी कोई निश्चित अवधि नहीं होती है। यह फंड निवेशकों द्वारा काफी पसंद किया जाता है।
2) Close Ended Fund
Close Ended Fund में योजनाओं की अवधि निर्धारित होती है। एक निवेशक केवल प्रारंभिक अवधि के दौरान निवेश कर सकता है जिसे New Fund Offer या NFO के रूप में जाना जाता है।
3) Interval Funds
इस फण्ड में ओपन एंडेड फंड और क्लोज एंडेड फंड दोनों की सुविधा होती है। यह निवेशकों को पूर्व निर्धारित अंतराल पर फंड्स का कारोबार करने की अनुमति प्रदान करता है तथा उस निर्धारित अवधि पर फंड्स की ट्रेडिंग की जा सकती है।
Asset के आधार पर Mutual Funds के प्रकार
1) Debt Fund
यह फंड ज्यादातर धन को ऋण में निवेश करते हैं। इस तरह के फंड में निवेशको का जोखिम बहुत कम होता है। यह फंड फिक्स रिटर्न प्रदान करते है अगर आप स्थिर इनकम चाहते हैं तो यह फंड आपके लिए सही हैं।
2) Liquid Mutual Fund
यह म्यूच्यूअल फण्ड Short Term Date Instrument जैसे कि ट्रेजरी बिल, जमा प्रमाण पत्र आदि में निवेश करते है जिससे निवेशकों को कम समय में ज्यादा मुनाफा मिलता है। इन योजनाओं से होने वाली आय में उतार-चढ़ाव होता रहता है क्योंकि यह बाजार में प्रचलित ब्याज दरों (Interest Rate Deposit) से सीधे संबंधित होते हैं।
3) Equity Fund
अगर आप ज्यादा समय के लिए लाभ पाना चाहते हैं तो इक्विटी फंड आपके लिए सही है। Equity Fund का उद्देश्य मध्यम से लंबी अवधि में पूंजी वृद्धि प्रदान करना है। इस फंड में जोखिम शामिल होता है पर इनसे होने वाला मुनाफा भी बाकी फंड के मुकाबले अधिक होता है।
इक्विटी फंड को तीन भागों में बांटा जा सकता है 1)Sector Specific Fund 2)Index Fund 3)Tax Saving Fund
4) Balanced Mutual Fund
इस फंड स्कीम में इक्विटी फंड और Debt फंड का मिलाजुला फायदा मिलता है। इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड में जमा हुए फंड को इक्विटी और Debt दोनों जगहों पर निवेश किया जाता है। इस योजना का मकसद अपने Earned Income या Capital लाभ के एक भाग को कुछ समय के लिए बाट कर विकास और नियमित आय दोनों प्रदान करना है। शेयर बाजारों में शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण ही यह फंड प्रभावित होते हैं।
म्युचुअल फंड सही है या गलत?
म्युचुअल फंड सही या ग़लत सीधे तरीक़े से कह पाना आसान नहीं है। लेकिन लोगों के म्युचुअल फंड के पक्ष में ज़्यादा अच्छे मत है। जब आपको म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना है तब आपको यह संजना होगा की आपकी कितना पैसा निवेश करने की क्षमता हे।
जब भी हमें म्यूच्यूअल फंस में निवेश करना है तब हमेशा खुद की रीसर्च करनी है किसी के बहकावे में आकार निवेश नहीं करना है।
Mutual Fund में निवेश कैसे करे?
Market में आपको ऐसे कई सारे Android App मिल जायेंगे जिनका इस्तमाल करके हम आसानी से Mutual Fund में Invest कर सकते है। उनमें कुछ ख़ास हैं जैसे की Groww, InvesTap, KTrack Mobile इत्यादि।
Mutual Fund के फायदे-
Mutual Funds के कई फायेदे हैं लेकिन जो महत्वपूर्ण फायेदे हैं उसके बारे हम बात करेंगे।
1. Diversification (विविधता)
सुरक्षित निवेश का मूल मंत्र यही होता है की अपने पैसे को एक जगह निवेश न करके बहुत सारी जगहो पर निवेश कर दो। हर mutual Fund पैसे को अलग अलग जगहों पर invest करता है।
2. विकल्प
Mutual Funds में आज हर तरह के व्यक्ति निवेश कर सकता है ज्यादा रिटर्न्स चाहने वालो के लिए ज्यादा रिटर्न्स वाले, अधिकतम सुरक्षित निवेश की इच्छा रखने वालो के लिए अधिकतम सुरक्षित fund से लेकर हर तरह के funds मौजूद है।
3 Affordable (सस्ता)
बड़ी कंपनियों के शेयर की कीमत ज्यादा होती है, बहुत बार आप उन कंपनियों में पैसा लगाना चाहते है पर पैसा कम होने की वजह से आप निवेश नहीं कर पाते, लेकिन Mutual Funds में बहुत सारे लोगों का पैसा होता है तो यह पैसा बड़ी कंपनियों में निवेश किया जाता है।
4. Tax Benefits
आपको शेयर बाजार में शेयर खरीदने या बेचने के लिए टैक्स देना पढता है, पर म्यूच्यूअल फण्ड मैं निवेश करने से आपको टैक्स पर छूट मिलती है।
Mutual Fund के नुकसान
म्यूचुअल फंड में निवेश पर रिटर्न की गारंटी नहीं होती है। आपका प्रत्येक शेयर जोखिम लेकर आता है कुछ साधनों में जोखिम अधिक होता है जबकि कुछ में कम होता हैं । म्युचुअल फंड के Returns शेयर बाजार के Performance से जुड़े होते हैं। अगर इक्विटी म्यूचुअल फंड में आपका निवेश लंबे समय तक बना रहता है तो जोखिम की संभावना कम हो जाती है।
आज आप ने क्या सीखा?
दोस्तों हमने Mutual Fund Kya Hai इस लेख के माध्यम से आपको म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में हर प्रकार की जानकारी देने की कोशिश की है. फिर भी यदि कोई जानकारी रह जाती है कोई त्रुटी रह जाती है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते है, अगर यह आपको Mutual Fund Kya Hai post अच्छा लगा है तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे।
FAQ-
Q) Mutual Fund का क्या फायदा है ?
Ans- Mutual Fund में आप छोटी राशी से भी SIP के जरिये निवेश की शुरुआत कर सकते है ! म्यूच्यूअल फण्ड आम निवेशको की जोखिमो को कम करता है और लम्बी अवधि में बेहतर रिटर्न प्रदान करता है.
Q) Mutual Fund में कितना प्रतिशत रिटर्न मिलता है ?
Ans- Mutual Fund में यदि आप लम्बे समय तक निवेश करते है तो यह 15 से 20 प्रतिशत तक हो सकता है.
Q) Mutual Fund में पैसा कब निवेश करना चाहिए ?
Ans- Mutual Fund का रिटर्न हमेशा बाजार के उतार–चढाव पर निर्भर करता है , इसलिए आप कभी भी इसमें निवेश की शुरुआत कर सकते है.
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