Types of Trading | ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?

Types of Trading | ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक और नए पोस्ट में आजके सी पोस्ट में हम आपको Types of Trading ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है? इस बारे में बताने वाले है। जो भी शेयर मार्केट अपना कदम रखता है उसका सपना होता है की ट्रेडिंग से पैसे कमाना लेकिन उससे पहले आपको ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। बहुत से ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग करके लाखों रुपए कमाते हैं तो कुछ लोग ऑप्शन ट्रेडिंग करके पैसा कमाते है।

और कुछ लोग Scalping करके कुछ ही मिनटों में स्टॉक खरीदकर और बेचकर हजारों रुपए कमाते है। बहुत से लोग डेरिवेटिव ट्रेडिंग भी करते हैं तो कुछ ट्रेडर पोजीशनल ट्रेडिंग करते है तो आज हम Types of Trading ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है? इस बारे में विस्तार से जानेंगे।Types of Trading | ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?

Types of Trading

अगर आपको शेयर मार्किट से पैसे कमाने है तो आपको Types of Trading ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है यह जानना बहुत आवश्यक है क्योंकि आप किसी एक प्रकार की ट्रेडिंग टाइप को पूरा फोकस करके सीखेंगे तो आप स्टॉक मार्केट में सफल हो सकते हैं। अगर आप हर प्रकार की ट्रेडिंग करेगें तो आपको मुनाफे की जगह पर नुकसान हो सकता है।

तो चलिए जानते है ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है-

  • डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading))
  • स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
  • इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
  • फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading)
  • ऑप्शन ट्रेडिंग (option Trading)
  • स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)

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1) डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading)

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग का सबसे पहला प्रकार डिलीवरी ट्रेडिंग है। इसे लोग Long Term Trading भी कहते है क्योंकि इसमें सरॉक को खरीद कर लंबे समय के लिए होल्ड करना होता है। जब स्टॉक की कीमत आपके खरीदे हुए भाव से कई गुना ऊपर जाती है तब उसे बेच सकते हैं।

यह प्रकार की इन्वेस्टिंग की तरह होती है। इस में स्टॉप लॉस और टारगेट का ज्यादा महत्व नहीं होता है। डिलीवरी ट्रेडिंग से आप अच्छी कंपनियों में पैसा निवेश करके उसे लोंग टर्म के लिए होल्ड करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है।

2) स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

दूसरा महत्वपूर्ण ट्रेडिंग का प्रकार है स्विंग ट्रेडिंग। स्विंग ट्रेडिंग एक या एक से अधिक दिन के लिए की जाती है। यह 1 हफ्ता, 1 महीना या कुछ महीनों के लिए भी कर सकते है। स्विंग ट्रेडिंग में रिस्क कम होती है, इसमें आपको स्टॉक को उसी दिन नहीं बेचना पड़ता। स्विंग ट्रेडिंग में आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखकर ही ट्रेड करना पड़ता है।

निफ्टी 50 कंपनियों के शेयर स्विंग ट्रेडिंग के लिए बेस्ट माने जाते हैं क्योंकि उनमें लिक्विडिटी ज्यादा होती है। साथी आप Nifty next 50 स्टॉक्स में भी स्विंग ट्रेडिंग कर सकते है इनमें नुकसान होने की संभावना कम होती है।Types of Trading | ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?

3) इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

अगर आप ईसिस स्टॉक को आज लेकर आजही बेचते है तो उस ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है। इंट्राडे ट्रेडिंग सुबह 9.15 से 3.30 तक तक की जाती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में stop-loss और target का बहुत ज्यादा महत्व होता है। क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको उसी दिन शेयर को buy और sell करना पड़ता है।
इस ट्रेडिंग में 5 मिनट टाइम फ्रेम को अच्छा माना जाता है। इस ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाने के लिए आपको अलग-अलग चार्ट पेटर्न, टेक्निकल एनालिसिस की जानकारी होनी चाहिए।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको ब्रोकर द्वारा कुछ स्टॉक्स पर मार्जिन भी मिलता है जिससे आप कम पैसों में ज्यादा स्टॉक्स ट्रेड कर पाते हैं लेकिन उसके अलग अलग फायदे और नुकसान हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग में जोखिम ज्यादा होती है इसमें आपको उसी दिन स्टॉक को खरीदना और बेचना पड़ता है और अगर आप स्टॉक खरीदकर बेचना भूल जाते हैं तो आपका ब्रोकर आपके उस दिन की सभी पोजीशन एग्जिट कर देता है चाहे आपको उसमे लॉस ही क्यों ना हो। साथ ही आपको
इसके चार्ज भी देना पड़ता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय नीचे बताए गए बातोंका ध्यान रखे-

  • स्टॉप लॉस और टारगेट लगाना चाहिए।
  • 5 मिनट और 15 मिनट टाइम फ्रेम का उपयोग करे।
  • ज्यादा मार्जिन लेकर ट्रेड मत करे।
  • ज्यादा लिक्विड स्टॉक्स में ही ट्रेडिंग करें।
  • सपोर्ट और रेजिस्टेंस को देखकर ट्रेड करे।
  • मार्केट बंद होने से पहले सभी पोजीशन को एग्जिट कर दें।
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4) फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading)

यह ट्रेडिंग F&O या डेरिवेटिव ट्रेडिंग के अंतर्गत आती है। इसमें आपको भविष्य के किसी समय पर किसी निश्चित कीमत पर किसी शेयर के फ्यूचर को खरीदने या बेचने के लिए पहले ही ट्रेड करना पड़ता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग में एक कॉन्ट्रैक्ट होता है इसमें आपको खरीदे हुए शेयर को समय खत्म होने से पहले बेचना पड़ता है। जिस कीमत पर आपने फ्यूचर के लिए शेयर खरीदा है उसे फ्यूचर प्राइस कहते हैं और और जितने टाइम के लिए खरीदा है उसे डिलीवरी डेट कहते है। इसमें आप बहुत कम पैसों से भी शुरुआत कर सकते हैं।

5) ऑप्शन ट्रेडिंग (option Trading)

यह भी एक डेरिवेटिव ट्रेडिंग का ही प्रकार है। इसमें कॉल और पुट दो प्रकार के ऑप्शन्स होते हैं। कॉल ऑप्शन को मार्केट में तेजी होने पर खरीदते है और पुट ऑप्शन मार्केट में मंदी के समय खरीदते है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में दो तरह से प्रॉफिट कमाया जाता है –
ऑप्शन को खरीद कर
ऑप्शन को बेचकर
ज्यादातर नए लोग ऑप्शन को खरीदते हैं क्योंकि यह बहुत कम पैसों से शरू कर सकते है लेकिन ऑप्शन को बेचने के लिए आपको ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ती है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में रिस्क बहुत रहती है इसमें कुछ ही मिनटों लाखों रुपए का प्रॉफिट या लॉस हो सकता है इसमें ऑप्शंस की प्राइस बहुत तेजी से ऊपर नीचे होती हैं। इसलिए यह ट्रेडिंग करते समय स्टॉपलॉस जरूर लगाए।Types of Trading | ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?

6) स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)

कुछ ही मिनटों में स्टॉक की खरीदी और बिक्री करने वाली ट्रेडिंग को स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहा जाता है। शेयर मार्केट में बहुत लोग स्कल्पिंग करते हैं। उन्हें किसी भी प्रकार के सपोर्ट रेजिस्टेंस या टारगेट या स्टॉप लॉस से कोई मतलब नहीं होता। उनका उद्देश्य होता है कुछ ही सेकेंड में बहुत कम प्राइस की बढ़ोतरी पर शेयर को बेचना और प्रॉफिट कमाना।

शेयर बाजार में बहुत सारे लोग scalp trading करके पैसा कमा लेते हैं क्योंकि यह लोग ज्यादा क्वांटिटी के साथ ट्रेड करते हैं। यह ट्रेडिंग बहुत ही शॉर्ट टर्म के लिए की जाने वाली ट्रेडिंग है।ज्यादातर लोग ऑप्शन ट्रेडिंग में निफ्टी और बैंकनिफ्टी के कॉल और पुट में scalping करते हैं क्योंकि इसमें लिक्विडिटी ज्यादा होती है।

निष्कर्ष-

हमे उम्मीद है की इस पोस्ट को पढ़कर Types of Trading ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है यह समजमे आया होगा। इस पोस्ट से आपको Types of Trading के बारे में बेसिक्स का पता चलेगा। अगर आपका इससे संबंधित कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट करिए और इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करिए।

FAQ-

Q) सबसे बेस्ट ट्रेडिंग कोनसी होती है?

Ans- ट्रेडिंग आपकी साइकोलॉजी और ट्रेडिंग की नॉलेज पर निर्भर करता है की आपको किस प्रकार की ट्रेडिंग को अच्छे से समझते है। जिस ट्रेडिंग की नॉलेज आपको सबसे ज्यादा है वह आपके लिए बेस्ट है।

Q) ट्रेडिंग के 3 प्रकार कौन से है?

Ans- 1. डिलीवरी ट्रेडिंग 2. इंट्राडे ट्रेडिंग 3. स्विंग ट्रेडिंग

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